Editor's Picks
Health
View Allप्रभु रस मैं पी जाऊँ
प्रभु के अमृत रस की प्याली,सपनों में बसी सुख की डाली।हर बूँद में बसी हो उसकी ममता,उसकी भक्ति में खुद…
Entertainment
View AllOpinion
View AllEditorials
View AllLifestyle
View AllLocal News
View AllTrending Posts
View Allमेरा अस्त्र, मेरी ऊर्जा
मानवतायाः सेवा मम अस्त्रं, प्रकृतेः सेवा मम ऊर्जा। मानवता की सेवा कर्म ही मेरा अस्त्र हैं, प्रकृति की सेवा भावना…
राह मेरी ऐसी हो, मंज़िल की ओर हो
राह मेरी ऐसी हो, मंज़िल की ओर हो,हर कदम हो प्रेरणा, हर पल में ज़ोर हो। सपनों की चाहत में,…
सेवा का दीप जलाएं
मूल संदेश सेवा, प्रेम और मानवता के प्रति समर्पण है। कवि कहता है कि हमें सेवा के दीप को जलाना…
प्रकृति की गोद में खुद को पाऊं
प्रकृति की गोद में खुद को पाऊं,धरा की ममता में, मन को सुकून लाऊं।सूरज की किरणों से रौशन हो दिन,चाँदनी…
National News
View Allकौन हूँ मैं ?
मनुष्य की पहचान उसके नाम से व्यक्तिगत एवं सामाजिक दृष्टिकोण से किया जा सकता हैं, परन्तु प्राकृतिक दृष्टिकोण से मनुष्य…
Latest Posts
There’s no content to show here yet.