
राह मेरी ऐसी हो, मंज़िल की ओर हो,
हर कदम हो प्रेरणा, हर पल में ज़ोर हो।
सपनों की चाहत में, हो आशा का साथ,
हर दिन हो नया उत्सव, हर रात हो नई बात।
बढ़ता चलूं निर्भय, चाहे हो कितनी मुश्किल,
हर कदम पे मिले हिम्मत, हर मोड़ पे नया सिलसिला।
रौशनी की राह में, हो चाँदनी का संग,
हर मुश्किल से निपटूं, दिल में हो उमंग।
मंज़िल के रास्ते में, हों फूलों की बहार,
हर कदम पे हो सुख, और दिल में प्यार।
राह मेरी ऐसी हो, मंज़िल की ओर हो,
हर कदम हो प्रेरणा, हर पल में ज़ोर हो।
जीवन की इस यात्रा में, हो विश्वास का दीपक,
हर मोड़ पर हो जीत, हर राह हो सफल।
हर दिल में हो खुशी, हर आँख में हो सपना,
हर दिन हो उजाला, हर रात हो चाँदना।
राह मेरी ऐसी हो, मंज़िल की ओर हो,
हर कदम हो प्रेरणा, हर पल में ज़ोर हो।
यह कविता जीवन यात्रा के एक सकारात्मक दृष्टिकोण को दर्शाती है। कविताकार अपनी यात्रा को मंजिल की ओर बढ़ने के रूप में देखता है। वह चाहता है कि हर कदम उसे प्रेरित करे और हर पल में उसे जोश मिले। वह अपने सपनों को पूरा करने के लिए आशावादी रहना चाहता है और जीवन के हर पल को उत्सव की तरह मनाना चाहता है।
कविता में जीवन की चुनौतियों का भी जिक्र है लेकिन कविताकार उनका डटकर सामना करने के लिए तैयार है। वह मुश्किलों में भी हिम्मत नहीं हारता और हर मोड़ पर नई शुरुआत करने को तैयार रहता है। वह चाहता है कि उसकी यात्रा में चांदनी की तरह रोशनी हो और वह हर मुश्किल से निपटने के लिए उत्साहित रहे।
कविता में सफलता और खुशी पर भी जोर दिया गया है। कविताकार चाहता है कि उसकी मंजिल के रास्ते में फूलों की बहार हो और हर कदम पर उसे सुख मिले। वह चाहता है कि हर दिल में खुशी हो और हर आंख में सपने हों।
अंत में, कविताकार दोहराता है कि वह चाहता है कि उसकी यात्रा मंजिल की ओर अग्रसर हो और हर कदम उसे प्रेरित करे। वह जीवन की यात्रा में विश्वास को अपना दीपक मानता है और चाहता है कि हर राह उसके लिए सफल हो।
यह कविता एक प्रेरणादायक संदेश देती है कि जीवन की यात्रा में सकारात्मक रहें, चुनौतियों का सामना करें और अपने सपनों को पूरा करने के लिए लगातार प्रयास करते रहें।